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भारत माँ का सम्मान हिंदी




लेखनी हिन्दी दिवस प्रतियोगिताः
।।जन एकता भाषा हिंदी नवण प्रणाम।।
आज आसोज बदी पाँचम विक्रमी सम्वत् 2079 गुरुवार तदनुसार 15 सितंबर,2022  हिंदी दिवस 14 सितंबर की विशेष काव्य रचनाः

*भारत माँ का सम्मान हिंदी*

जब तक हम सोचते रहेंगे,
हिंदी नै निश्चित नहीं करेंगे।
तब तक हिन्दी ज़िन्दगी के,
फैसले कोई और लेते रहेंग।।

बहुत आसान है स्वार्थवश,
अंग्रजी की प्रसंशा करना।
पर बहुत ही कठिन होता है,
हिन्दी बारे संकल्प करना।।

स्वार्थ में ही हिंदी अपनाओ,
हिन्दी प्रसंशा में पुल बनाओ।
हिन्दी सरल है इसमें बताओ,
अब तो हिन्दी में गीत गाओ।।

सारा खेल मन से होता हैं,
हिन्दी की रोशनी होता है।
मातृभाषा दीपक होता है,
इससे अन्धेरा दूर होता है।।

कोई भाषा सीखें गुनाह नहीं है,
चाह संपर्क भाषा की सही है।
हिंदी दर्जा पाए राजभाषा का,
हिंदी भाषा असमर्थ नहीं है।।

माँ मातृभाषा मातृभूमि पाओ,
तीनो की त्रिवेणी है  नहाओ।
दूर हीनभावना गन्दगी करदें,
हिंदी अपने भविष्य बनाओ।।

राजभाषा हिन्दी को प्रणाम,
विश्व माथे की बिंदी नै प्रणाम।
सादर भारतवासियों प्रणाम,
सादर सबको नवण प्रणाम।।

'पृथ्वीसिंह' का मान हिंदी है,
भारत माता सम्मान हिंदी है।
भारत का सारा खेल हिंदी है, 
देश में स्वाभिमान हिन्दी है।।
©®
--
*कवि पृथ्वीसिंह बैनीवाल बिश्नोई* 
राष्ट्रीय प्रैस एवं मीडिया प्रभारी, 
जाम्भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर।
लेखक, पत्रकार, साहित्यकार, हॉउस नं. 313, 
सेक्टर 14 (श्री ओ३म विष्णु निवास) हिसार
(हरियाणा)-125001 भारत
फोन नंबर-9518139200,
व्हाट्सएप-9467694029

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7 Comments

Supriya Pathak

18-Sep-2022 12:04 AM

Very nice 👍

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Achha likha hai 💐

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Reena yadav

16-Sep-2022 06:39 PM

👍👍

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